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BPSC students: PK ने BPSC छात्रों के समर्थन में किया धरना, नीतीश कुमार पर कसा तंज

BPSC students: जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रशांत किशोर (PK) बिहार के पटना में गांधी मैदान में BPSC छात्रों के लिए धरने पर बैठे हैं। छात्रों की मांग है कि BPSC का प्रारंभिक परीक्षा रद्द की जाए और फिर से परीक्षा का आयोजन किया जाए। इस धरने के दौरान, पटना जिला प्रशासन ने प्रशांत किशोर को नोटिस भेजा है और उन्हें गांधी मैदान से हटाकर गार्डनीबाग प्रदर्शन स्थल पर जाने को कहा है। इस नोटिस के बाद, प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला है।

पटना प्रशासन का नोटिस

पटना प्रशासन का कहना है कि प्रशांत किशोर ने बिना अनुमति के गांधी मैदान में धरना शुरू किया था। जिला प्रशासन ने पटना हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि गार्डनीबाग में प्रदर्शन के लिए जगह चिन्हित की गई है, और प्रशांत किशोर को वहां प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है। इसके बाद प्रशांत किशोर ने इस नोटिस का विरोध करते हुए कहा कि छात्रों के साथ खड़ा होना राजनीति नहीं है, बल्कि यह उनके हक की लड़ाई है।

नीतीश कुमार पर हमला

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि “नीतीश कुमार केवल कुर्सी की चिंता करते हैं।” उन्होंने कहा, “हम राजनीति करते हैं, हम पूरी तरह से राजनीति करते हैं। क्या सिर्फ नीतीश कुमार को यह अधिकार है?” प्रशांत किशोर ने यह भी सवाल उठाया कि कोरोना महामारी के दौरान नीतीश कुमार ने लोगों की मदद क्यों नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार को सत्ता से कोई फर्क नहीं पड़ता, उनका केवल ध्यान अपनी कुर्सी पर है।

BPSC परीक्षा को लेकर क्या है मामला?

BPSC छात्रों की प्रमुख मांग यह है कि 2023 के प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किया जाए और एक नई परीक्षा आयोजित की जाए। छात्रों ने यह भी मांग की है कि अगर परीक्षा एक साथ आयोजित की जाए, तो परिणाम भी एक साथ घोषित किए जाएं। पटना में एक ही सेंटर पर परीक्षा को रद्द कर दिया गया था, और अब उस सेंटर पर 4 जनवरी को फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालांकि, छात्र इस फैसले से असंतुष्ट हैं और उन्हें लगता है कि परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं।

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“आधिकारिक सौदेबाजी की शिकायत”

प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया कि बिहार के हर जिले और हर गली में यह चर्चा है कि आधे से ज्यादा पदों के लिए सौदेबाजी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना किसी प्रमाण के आधे पदों के लिए सौदेबाजी की जा रही है, तो फिर परीक्षा क्यों आयोजित की जा रही है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आपको ये सवाल मुख्य सचिव से पूछने चाहिए। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि जब सरकार उनसे बात करेगी, तभी वे पांच बिंदुओं पर चर्चा करेंगे। उनका अनशन जारी रहेगा।

BPSC छात्रों का प्रदर्शन

BPSC के छात्र पटना के रेलवे ट्रैक पर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों ने पटना के सचिवालय हॉल्ट के पास रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने की कोशिश की। इस प्रदर्शन में प्रशांत किशोर ने भी समर्थन दिया और उन्हें छात्रों के इस संघर्ष में साझीदार बताया। छात्रों की प्रमुख मांग यह है कि अगर परीक्षा रद्द की जाए, तो फिर से निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से परीक्षा का आयोजन किया जाए।

प्रशांत किशोर की अपील

प्रशांत किशोर ने यह भी अपील की कि छात्रों की मांगों को ध्यान से सुना जाए और उनके अधिकारों की रक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार छात्रों के हितों के बारे में सोचती है, तो यह धरना और अनशन किसी परिणाम तक पहुंचेगा। साथ ही, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक सरकार बात नहीं करेगी, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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क्या है छात्रों की पांच बिंदुओं की मांग?

BPSC छात्रों की पांच प्रमुख मांगें हैं:

  1. BPSC का प्रारंभिक परीक्षा रद्द किया जाए।
  2. नई परीक्षा का आयोजन किया जाए।
  3. एक साथ परीक्षा आयोजित करने पर, परिणाम एक साथ घोषित किए जाएं।
  4. छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए सभी प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
  5. परीक्षा में किसी प्रकार की घपलेबाजी और गड़बड़ी को तुरंत समाप्त किया जाए।

प्रशांत किशोर का यह धरना BPSC छात्रों के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। बिहार की राजनीति में यह घटनाक्रम ध्यान देने योग्य है क्योंकि प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की सरकार पर खुलेआम हमला बोला है। वहीं, BPSC छात्रों की यह लड़ाई इस समय चर्चा का विषय बन गई है, और उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही इस पर कोई निर्णायक कदम उठाएगी।

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